राज्य में बढ़ती ठंड के कारण सरकारी स्कूलों में 25 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक 38 दिनों की सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया गया है। यह आदेश कुछ कुछ क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लागू किया गया है, जहां ठंड का प्रभाव अत्यधिक बढ़ चुका है। खासतौर पर ज्यादा शादी वाले इलाकों में शीत लहर और बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जिस कारण शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।
सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान क्यों किया गया?
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और मौसम की स्थिति बहुत ही विषम है। पर्वतीय क्षेत्रों में ठंडी हवाओं और बर्फबारी के कारण तापमान शून्य से भी नीचे गिरने लगा है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है, जिससे इलाके पूरी तरह से बर्फ से ढक गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, सर्दी इतनी बढ़ गई है कि वहां रहना और काम करना दोनों ही मुश्किल हो गए हैं।
इसके मद्देनजर राज्य के शिक्षा विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक सभी सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। यह फैसला बच्चों और शिक्षकों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ठंडी के इस दौर में बच्चों की सेहत को खतरा हो सकता है, और शिक्षा विभाग ने उनके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है।
अल्मोड़ा जिले में छुट्टियों की व्यवस्था
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में ठंड के कारण स्कूलों में 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक 38 दिन की छुट्टियों का आदेश जारी किया गया है। अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिले के ठंडे इलाकों में सभी सरकारी स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां घोषित की गई हैं। इन स्कूलों में 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक छुट्टी रहेगी और स्कूल एक फरवरी से फिर से खुलेंगे।
पर्वतीय इलाकों में छुट्टियों की लंबाई में भिन्नताएं
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में ठंड की तीव्रता अलग-अलग जगहों पर भिन्न होती है। इस कारण कुछ इलाकों में छुट्टियां थोड़ी कम और कुछ में अधिक होंगी। उदाहरण के तौर पर, अल्मोड़ा जिले के कुछ स्कूलों में जहां गर्मियों में लंबी छुट्टियां रहती हैं, वहां सर्दियों की छुट्टियां 1 जनवरी से 15 जनवरी तक ही रहेंगी। जबकि, अन्य इलाकों में यह छुट्टियां 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक रहेंगी।
गर्मियों के मौसम में कई इलाकों में एक महीने से अधिक छुट्टियां रहती हैं, और ऐसे स्कूलों में सर्दियों के दौरान कम छुट्टियां दी जाती हैं। इसके विपरीत, सर्दियों के मौसम में ठंडे इलाकों में छुट्टियां अधिक दी जाती हैं।
क्यों जरूरी है सर्दियों में लंबी छुट्टियां?
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड इतनी अधिक हो जाती है कि बच्चों और शिक्षकों के लिए विद्यालय जाना असंभव सा हो जाता है। बर्फबारी के कारण सड़कें भी अक्सर बंद हो जाती हैं, जिससे विद्यालय तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही, अत्यधिक ठंड के कारण बच्चों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और फ्लू के मामले बढ़ सकते हैं।
इसलिए, सर्दियों के दौरान स्कूलों में लंबी छुट्टियां बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए जरूरी हो जाती हैं। इससे न केवल बच्चों की सेहत बनी रहती है, बल्कि वे ठंड से भी सुरक्षित रहते हैं।
स्कूलों में छुट्टियों के बाद पुनः शैक्षिक गतिविधियां
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 1 फरवरी से सभी स्कूलों को पुनः खोला जाएगा। इसके बाद, शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में आवश्यक शैक्षिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने छात्रों को परीक्षा से पहले तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने का भी आश्वासन दिया है, ताकि वे अपनी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कमी महसूस न करें।
बच्चों और अभिभावकों के लिए अहम जानकारी
इस सर्दी की छुट्टी से बच्चों के अलावा उनके अभिभावकों के लिए भी राहत की खबर है। जहां एक ओर बच्चों को ठंड से बचने का मौका मिलेगा, वहीं अभिभावकों को भी घर पर रहकर बच्चों की देखभाल करने का पर्याप्त समय मिलेगा। हालांकि, बच्चों को घर में रहते हुए भी अपनी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए, ताकि शैक्षिक कैलेंडर में कोई बाधा न आए।
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में छुट्टियों का अलग-अलग असर
उत्तराखंड में अलग-अलग जिलों में सर्दियों की छुट्टियों का असर भी अलग-अलग होता है। पहाड़ी इलाकों में जहां छुट्टियां अधिक होती हैं, वहीं मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की स्थिति नहीं होती। पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा, शहरी क्षेत्रों में सर्दियों की छुट्टियां अपेक्षाकृत कम होती हैं।
इसके अलावा, राज्य सरकार बच्चों को सर्दियों की छुट्टियों के दौरान बर्फबारी और ठंडी से बचने के लिए कुछ स्वास्थ्य सलाह भी जारी करती है। बच्चों को अधिक गर्म कपड़े पहनने, पर्याप्त पोषण लेने और बाहर अधिक समय नहीं बिताने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में बढ़ती ठंड और खराब मौसम को देखते हुए सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान एक जरूरी कदम है। इस फैसले से बच्चों और शिक्षकों दोनों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सर्दी के बावजूद छात्रों को उनके अध्ययन में कोई दिक्कत न हो। आगामी 1 फरवरी से सभी स्कूलों के खुलने के बाद, शिक्षा विभाग बच्चों को पूरी तरह से तैयार कर सकेगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई में कोई पिछड़ाव महसूस न करें।